What is Ashtanga Yoga – अष्टांग योग क्या होता है, इसे कैसे करें और इसके लाभ क्या हैं? (पूरी जानकारी)

Tekchand choudhary
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अष्टांग योग का अर्थ है – "आठ अंगों वाला योग"। यह योग महर्षि पतंजलि द्वारा रचित योगसूत्र का आधार है। यह सिर्फ एक योग अभ्यास नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवनशैली है जो शरीर, मन और आत्मा के शुद्धिकरण व संतुलन पर केंद्रित है। "अष्ट" यानी आठ और "अंग" यानी भाग – इस प्रकार अष्टांग योग के 8 मुख्य अंग होते हैं जो हमें आत्म-साक्षात्कार की ओर ले जाते हैं।


🧘‍♂️ Eight Limbs of Ashtanga Yoga – अष्टांग योग के 8 अंग
  • यम (Yama) – सामाजिक आचरण के नियम: सत्य, अहिंसा, अस्तेय (चोरी न करना), ब्रह्मचर्य (इंद्रिय संयम), अपरिग्रह (लालच न करना)।
  • नियम (Niyama) – व्यक्तिगत अनुशासन: शौच (स्वच्छता), संतोष, तप (सहनशीलता), स्वाध्याय (अध्ययन), ईश्वर प्रणिधान (समर्पण)।
  • आसन (Asana) – शारीरिक मुद्राएं: शरीर को स्थिर और मजबूत बनाने वाले योगासन।
  • प्राणायाम (Pranayama) – श्वास नियंत्रण: जीवन शक्ति (प्राण) का जागरण और संतुलन।
  • प्रत्याहार (Pratyahara) – इंद्रियों को भीतर मोड़ना: बाहरी विषयों से ध्यान हटाकर अंदर की ओर ले जाना।
  • धारणा (Dharana) – एकाग्रता: मन को एक बिंदु पर केंद्रित करना।
  • ध्यान (Dhyana) – ध्यान में स्थिरता: अविचल मन से निरंतर ध्यान करना।
  • समाधि (Samadhi) – आत्मा का परमात्मा में लीन होना: पूर्ण चेतना और दिव्यता की स्थिति।


📝 How to Practice Ashtanga Yoga – अष्टांग योग कैसे करें?

  • 1. यम और नियम से शुरुआत करें: अपने व्यवहार और विचारों को शुद्ध करें।

  • 2. आसनों का अभ्यास करें: शुरुआत में ताड़ासन, भुजंगासन, त्रिकोणासन जैसे सरल योगासन करें।

  • 3. प्राणायाम जोड़ें: धीरे-धीरे अनुलोम-विलोम, कपालभाति जैसे श्वास नियंत्रण की विधियां अपनाएं।

  • 4. ध्यान और धारणा पर जाएं: एक मंत्र, सांस या बिंदु पर ध्यान केंद्रित करें।

  • 5. नियमितता बनाए रखें: योग को अपनी डेली लाइफ का हिस्सा बनाएं।


🌟 Benefits of Ashtanga Yoga – अष्टांग योग के फायदे

  1. शारीरिक ताकत और लचीलापन बढ़ता है।

  2. तनाव, चिंता और अवसाद में राहत मिलती है।

  3. मन एकाग्र और शांत रहता है।

  4. नींद अच्छी और गहरी आती है।

  5. आध्यात्मिक विकास होता है और आत्मिक शुद्धि होती है।


Daily Practice Routines – डेली प्रैक्टिस के लिए दो विकल्प

आपके लिए नीचे दो डेली रूटीन तैयार की गई हैं – एक 30 मिनट और दूसरी 1 घंटे की। आप अपने समय और स्तर के अनुसार किसी एक को चुन सकते हैं:


🕒 1. 30 मिनट की अष्टांग योग डेली रूटीन (Beginners के लिए)

समयक्रियाविवरण
5 मिनटशांत बैठना + ध्यानसुखासन में बैठकर गहरी सांस लें और मन को शांत करें।
10 मिनटआसान योगासनताड़ासन, त्रिकोणासन, भुजंगासन, वज्रासन – हर एक 1-2 मिनट करें।
5 मिनटप्राणायामअनुलोम-विलोम (2 मिनट), भ्रामरी (2 मिनट), शीतली (1 मिनट)।
5 मिनटप्रत्याहार अभ्यासआंखें बंद करके अपने भीतर की ओर ध्यान लगाएं।
5 मिनटध्यानकिसी मंत्र या सांस पर ध्यान केंद्रित करें।
📌 टिप: इसे सुबह खाली पेट या शाम को भोजन के 3 घंटे बाद करें।

🕓 2. 1 घंटे की अष्टांग योग डेली रूटीन (Intermediate Practitioners के लिए)

समयक्रियाविवरण
10 मिनटशांत बैठना + मंत्र जाप"ॐ" या कोई शांत मंत्र का उच्चारण करें।
15 मिनटयोगासन अभ्यास5 बार सूर्य नमस्कार, फिर ताड़ासन, वृक्षासन, पवनमुक्तासन आदि करें।
10 मिनटप्राणायामअनुलोम-विलोम, कपालभाति, भ्रामरी।
5 मिनटप्रत्याहारबाहरी चीज़ों से ध्यान हटाकर अंतर्मुखी बनें।
10 मिनटधारणा अभ्यासकिसी मंत्र या बिंदु पर मन को एकाग्र करें।
10 मिनटध्यानविचारों को देखें लेकिन पकड़ें नहीं।
📌 नोट: सप्ताह में 1 दिन आराम या हल्का अभ्यास करें।

📄 निष्कर्ष (Conclusion)

अष्टांग योग सिर्फ शारीरिक व्यायाम नहीं है, यह एक संपूर्ण जीवनपद्धति है जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलन में लाती है। अगर आप इसे रोजाना नियमित रूप से करते हैं तो आपके जीवन में स्थिरता, शांति और मानसिक स्पष्टता बढ़ेगी।

✅ क्या आप 30 मिनट की रूटीन से शुरुआत करना चाहेंगे?
✅ या आपको 1 घंटे की पूरी रूटीन चाहिए?
✅ क्या आप इसे घर पर अकेले करना चाहते हैं या गाइड की मदद से?


🧘 स्वस्थ रहें, नियमित योग करें – यही है सच्ची शांति की राह।

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