Kundalini Yoga – कुंडलिनी योग क्या है, इसके Benefits क्या हैं और कौन-सी Energy जाग्रत होती है?

Tekchand choudhary
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कुंडलिनी योग एक प्राचीन योग पद्धति है जो शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन बनाकर अंदर की ऊर्जा को जाग्रत करने में मदद करता है। यह योग मुख्यतः सांस नियंत्रण (प्राणायाम), मंत्र जप, मुद्राएं, आसन और ध्यान पर आधारित होता है।


🧘 What is Kundalini Yoga – कुंडलिनी योग क्या होता है?

Kundalini Yoga का उद्देश्य शरीर में सुप्त पड़ी "कुंडलिनी शक्ति" को जाग्रत करना होता है।

यह शक्ति हमारी रीढ़ की हड्डी के नीचे बेस (मूलाधार चक्र) में सर्पाकार अवस्था में सोई हुई मानी जाती है।

जब यह शक्ति जागृत होती है, तो यह रीढ़ के सातों चक्रों को पार करती हुई सिर के शीर्ष (सहस्रार चक्र) तक पहुंचती है।

यह प्रक्रिया व्यक्ति को आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक रूप से जागरूक बनाती है।


🙏 How to Practice Kundalini Yoga – कुंडलिनी योग कैसे करें?

1.   सुखासन में बैठें: शांत वातावरण में कमर सीधी करके बैठें।

2.   मंत्र जप करें: "ओम नमः शिवाय" या "सत नाम" जैसे बीज मंत्रों का जाप करें।

3.   प्राणायाम करें: लंबी, गहरी और नियंत्रित सांस लें और छोड़ें।

4.   आसन करें: कुंडलिनी योग में भुजंगासन, उष्ट्रासन, वज्रासन आदि मुख्य होते हैं।

5.   ध्यान (Meditation): मन को एक बिंदु पर केंद्रित करें और आंतरिक ऊर्जा को महसूस करें।

6.   मुद्राएं और बंध: ज्ञान मुद्रा, महामुद्रा और मूल बंध से ऊर्जा जागरण में सहायता मिलती है।

शुरुआत में किसी कुंडलिनी योग प्रशिक्षक की निगरानी में अभ्यास करना सुरक्षित होता है।


🌟 Benefits of Kundalini Yoga – कुंडलिनी योग करने से क्या होता है?

1.   आत्मिक जागरण: व्यक्ति आत्म-ज्ञान और शांति की अनुभूति करता है।

2.   मानसिक संतुलन: चिंता, तनाव और डिप्रेशन में राहत मिलती है।

3.   शारीरिक ऊर्जा में वृद्धि: शरीर में नई ऊर्जा और स्फूर्ति आती है।

4.   इम्यून सिस्टम मजबूत होता है: शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

5.   चक्रों का संतुलन: सातों चक्र संतुलित होकर मानसिक व भावनात्मक स्थिरता लाते हैं।


⚠️ सावधानियां:

  • कुंडलिनी योग शक्तिशाली होता है, इसलिए इसे गलत तरीके से न करें।
  • शुरुआत में प्रशिक्षक की देखरेख में अभ्यास करें।
  • मानसिक असंतुलन या हार्ट प्रॉब्लम वालों को विशेष सावधानी रखनी चाहिए।

आपको डेली रूटीन में यह सब रखना चाहिए फिर देखिये आपके जीवन में क्या बदलाव आते है

यह रहा एक Kundalini Yoga Beginner Routine (Daily Practice Guide) जिसे आप हर दिन 20-30 मिनट में कर सकते हैं शुरुआती लोगों के लिए सुरक्षित और असरदार।


🧘 Kundalini Yoga Daily Routine (Beginner Level) – शुरुआती लोगों के लिए डेली रूटीन

Total Time: 20 से 30 मिनट


1. सुखासन में बैठना और प्रारंभिक मंत्र (2 मिनट)

  • शांत जगह पर कमर सीधी करके बैठें।
  • आंखें बंद करें और 1-2 मिनट तक धीमी सांस लेते हुए "ओम" या "सत नाम" का जप करें।
  • इससे मन शांत होता है और ऊर्जा जागृति के लिए तैयार होती है।

2. प्राणायाम (Breathing Exercise) – 5 मिनट

कपालभाति या लंबी गहरी सांस:

  • नाक से धीरे-धीरे गहरी सांस लें और फिर छोड़ें।
  • 1 मिनट के लिए करें, फिर थोड़ा रुकें।
  • कुल 5 मिनट तक प्रैक्टिस करें।
    👉 यह जीवन ऊर्जा (प्राण) को सक्रिय करता है।

3. आसन (Yoga Poses) – 10 मिनट

नीचे 3 आसान और प्रभावशाली आसनों को शामिल करें:

a) भुजंगासन (Cobra Pose) – 2 मिनट

  • पेट के बल लेटकर शरीर को ऊपर उठाएं।
  • रीढ़ की हड्डी में ऊर्जा का संचार होता है।

b) वज्रासन (Thunderbolt Pose) – 2 मिनट

  • खाना पचाने में सहायक और मन को केंद्रित करने वाला।

c) मार्जरी आसन (Cat-Cow Pose) – 4 मिनट

  • पीठ को ऊपर-नीचे करते हुए सांस अंदर-बाहर लें।
  • यह रीढ़ की हड्डी के आसपास की कुंडलिनी ऊर्जा को जागृत करता है।

d) शवासन (Relaxation) – 2 मिनट

  • पीठ के बल लेटकर शरीर को पूरी तरह रिलैक्स करें।

4. मंत्र जप और ध्यान – 8 से 10 मिनट

  • बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें।
  • लगातार "सत नाम" या "ओम नमः शिवाय" का उच्चारण करें।
  • अपनी ऊर्जा को रीढ़ की हड्डी के आधार (Root Chakra) से लेकर सिर के ऊपर (Crown Chakra) तक महसूस करने की कोशिश करें।

Tips for Best Results:

  • सुबह जल्दी या शाम को अभ्यास करें।
  • हल्का खाना खाएं और अभ्यास के समय पेट खाली रखें।
  • नियमित अभ्यास से 3-4 हफ्तों में फर्क दिखने लगता है।

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