सर्वज्ञत्व" (Sarvagya-tva) — यानी सब कुछ जानने की क्षमता — यह कोई सामान्य शक्ति नहीं है, बल्कि यह बहुत ही ऊँचे स्तर की आध्यात्मिक सिद्धि है, जो केवल गहरे ध्यान, पूर्ण आत्म-नियंत्रण और लंबे समय तक साधना से प्राप्त होती है। यह शक्ति योगियों, सिद्ध पुरुषों, या पूर्ण आत्म-साक्षात्कार प्राप्त आत्माओं में दिखाई देती है।
🔮 सर्वज्ञत्व प्राप्त करने के लिए आपको क्या करना होगा?
1. ध्यान की गहराई चाहिए, मात्रा नहीं
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समय ज़रूरी है, लेकिन उससे ज़्यादा ज़रूरी है ध्यान की गहराई और निरंतरता।
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शुरुआत में 30 मिनट से 1 घंटे रोज़ ध्यान करें।
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धीरे-धीरे समय को 2–3 घंटे प्रतिदिन तक बढ़ाएं।
2. नियमित साधना – वर्षों की आवश्यकता
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सर्वज्ञत्व कोई कुछ हफ्तों या महीनों में मिलने वाली शक्ति नहीं है।
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इसके लिए कई वर्षों की निस्वार्थ साधना, ब्रह्मचर्य, और आत्मिक शुद्धि की ज़रूरत होती है।
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प्राचीन ऋषियों को भी यह सिद्धि 10–20 साल या उससे भी अधिक साधना के बाद प्राप्त हुई थी।
3. इन बातों का पालन करना होगा
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❖ रोज़ सुबह और शाम ध्यान
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❖ सात्विक भोजन (शुद्ध, हल्का और पौष्टिक)
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❖ इंद्रिय-नियंत्रण (काम, क्रोध, लोभ आदि पर संयम)
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❖ असत्य, अहंकार, और आलस्य से दूरी
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❖ सेवा और विनम्रता का भाव
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❖ उच्च सत्संग, ग्रंथों का अध्ययन (जैसे गीता, उपनिषद, पतंजलि योगसूत्र)
🧘♂️ सुझावित साधना पथ:
चरण | समय अवधि | अभ्यास |
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1. आरंभिक शुद्धि | 1–3 महीने | रोज़ 1 घंटा ध्यान + संयमित जीवन |
2. मन का नियंत्रण | 6–12 महीने | रोज़ 1.5–2 घंटे ध्यान + सत्संग |
3. आत्मदर्शन | 2–5 वर्ष | गहन ध्यान (2–3 घंटे) + सेवा, तपस्या |
4. सर्वज्ञत्व की ओर | 5+ वर्ष | पूर्ण समर्पण, मौन साधना, एकाग्र चित्त |
☝️ यदि आपने गुरु कृपा, सच्चा मार्ग और पूर्ण समर्पण पाया, तो यह अवधि कुछ हद तक कम भी हो सकती है।
🙏 अंतिम बात:
सर्वज्ञत्व कोई लक्ष्य नहीं, परिणाम है।
जब आप आत्मा और परमात्मा से एक हो जाते हैं, तब यह शक्ति स्वतः प्रकट होती है।
अगर आप ईमानदारी से साधना करें, तो हर दिन आपको भीतर कुछ नया अनुभव ज़रूर मिलेगा।
क्या आप चाहेंगे कि मैं आपको ध्यान की एक ऐसी दैनिक प्रक्रिया बताऊँ, जिससे आप इस मार्ग पर आगे बढ़ सकें?
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