राज योग क्या होता है

Tekchand choudhary
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राज योग ज्योतिष (astrology) का एक बहुत ही महत्वपूर्ण और शुभ योग होता है, जो किसी व्यक्ति की कुंडली में विशेष ग्रहों की स्थिति और योगों से बनता है। इसे "राजा जैसा जीवन देने वाला योग" माना जाता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में राज योग बनता है, तो उसे जीवन में मान, प्रतिष्ठा, सफलता, सत्ता, और धन की प्राप्ति हो सकती है।

राज योग के मुख्य प्रकार:

  1. गजकेसरी योग – चंद्रमा और बृहस्पति का विशेष संबंध। बुद्धिमत्ता और सम्मान देता है।

  2. धन योग – आय और धन से जुड़ा होता है। कुंडली में लाभ और धन के घर से जुड़ा होता है।

  3. पंच महापुरुष योग – शनि, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र अगर किसी केंद्र (1, 4, 7, 10 भाव) में हो और उच्च राशि में हो तो बनता है।

  4. राज्य योग – जब केंद्र और त्रिकोण के स्वामी आपस में संबंध बनाते हैं। इससे सत्ता, नेतृत्व और उच्च पद मिल सकता है।

  5. धर्म कर्म अधिपति योग – 9वें और 10वें घर के स्वामी आपस में संबंध बनाएं तो यह राज योग बनता है।

राज योग के फायदे:

  • उच्च पद या सरकारी नौकरी

  • सामाजिक सम्मान और प्रभाव

  • आर्थिक समृद्धि

  • नेतृत्व की क्षमता

जरूरी ध्यान देने वाली बातें:

  • केवल राज योग होना काफी नहीं होता, योग की ताकत ग्रहों की स्थिति, दशा और गोचर पर भी निर्भर करती है।

  • कुंडली का विश्लेषण किसी अनुभवी ज्योतिषी से करवाना हमेशा बेहतर होता है।

क्या आप अपनी कुंडली में राज योग की जांच करवाना चाहते हैं?

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